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चलो सभ्यता की ओर CHALO SABHYATA KI AOR

  अपना मुल्क है अपना देश है  हो हो हो अपना मुल्क है अपना देश है फिर शासक क्यूँ कोई ओर अपने मत और अपने मुल्क पर कब्जा हो पुरजोर चलो सभ्य...

 


अपना मुल्क है अपना देश है  हो हो हो

अपना मुल्क है अपना देश है
फिर शासक क्यूँ कोई ओर
अपने मत और अपने मुल्क पर
कब्जा हो पुरजोर
चलो सभ्यता की ओर ,की ओर
चलो सभ्यता की ओर , की ओर

सिंधू घाटी से लेकर वर्तमान भारत तक
गाँव गाँव और शहर शहर हमने वतन बढ़ाया
भारत के हर कोने में खुशियों का बाग लगाया
खुशियों का बाग़ लगाया 
उसी बाग़ को दुश्मन लुटेटेटे
बन सत्तारूपी चोर , बन सत्ता रुपी चोर
चलो संसद की ओर की ओर
चलो सभ्यता की ओर की ओर

हर घर में संविधान अगर हो
तो मानव हो समृद्ध
अपने हक अधिकार को जानो
जो प्रगति अनुबंध ,जो प्रगति अनुबंध
संविधान से देश चलाओ
करो मिलकर ये शोर करो मिलकर ये शोर
चलो सभ्यता की ओर की ओर
चलो सभ्यता की ओर की ओर

देश के दुश्मन को पहचानो
उसकी सारी चाल को जानो
संसद से उसे बाहर निकालो
अधिकार नस्लों  के पालों
सत्ता पर कब्जा तुम पाकर
टीको शिखर पुरजोर
चलो सभ्यता की ओर की ओर
चलो संसद की ओर की ओर

Apana mulk hai Apana desh hai ho ho ho 
Apana mulk hai apana desh hai 
Fir shasak kyun aor 
Apane mat aur apane mulk par kabja ho purjor 
Chalo sabhyata ki aor 
Chalo sabhyata ki aor 
 
Sindhu sabhyata se lekar vartmaan bharat tak 
Ganv ganv aur shahar shahar hamane vatan badhaya 
Bharat ke kone me khushiyon ka bag k agaya 
khushiyon ka bag lagaya 
Usi baag ko dushman loote 
Ban satta roopi chor -2
Chalo sabhyata ki aor 
Chalo sabhyata ki aor

Har ghar me samvidhaan agar ho 
To manav samrddh
Apane hak adhikaar ko jaano 
Jo pragati anubandh 
Jo pragati anubandh
Samvidhan se desh chalao 
Karo milkar ye shor -2 
Chalo sabhyata ki aor 
Chalo sabhyata ki aor

Desh ke dushman ko pahachani 
Usaki sari chal ko jaano 
Sansad se use bahar nikalo 
Adhikaar naslon ke palo 
Satta par kabja tum pakar 
Tiko shikhar purjor 
Tiko shikhar purjor 
Chalo sabhyata ki aor 
Chalo sabhyata ki aor

~चलो सभ्यता की ओर | महेंद्र सिंह कामा 

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