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तू बिरसा है TU BIRSA HAI | MULNIVASI POEM

  तू जंगल की जान है तू वनों की शान है तू कबीले जीवन का स्वाभिमान है वन जंगल में रहने वाले आदिवासी की जान है तू बिरसा है तू बिरसा है  तू ...


 तू जंगल की जान है

तू वनों की शान है
तू कबीले जीवन का स्वाभिमान है
वन जंगल में रहने वाले आदिवासी की जान है
तू बिरसा है तू बिरसा है 
तू बिरसा है तू बिरसा है
वो बिरसा है वो बिरसा है 
वो बिरसा है वो बिरसा है

तेरी वजह से सुखी है जीवन 
सब आदिवासी का
तेरी वजह से बची सम्पदा 
वन जंगल आदि का
वन जंगल आदिवासी का तुझसे मान है
जब जव मुश्किल बढ़ी दोनों पर
तेरी उठी तीर कमान है 
तेरी उठी तीर कमान है
तू बिरसा है तू बिरसा है 
तू बिरसा है तू बिरसा है 
वो बिरसा है वो बिरसा है 
वो बिरसा है वो बिरसा है

देश की आजादी में तूने चार चाँद लगाये
आदिवासी के हक की खातिर आगे कदम बढ़ाये
तेरे तीर ने खूब किया आजादी का उलगुलान
तेरी वजह से वंचितों को मिला आज ये मान 
मिला आज ये मान 
तू बिरसा है तू बिरसा है 
तू बिरसा है तू बिरसा है
वो बिरसा है वो बिरसा है 
वो बिरसा है वो बिरसा है

~ तू बिरसा है | महेंद्र सिंह कामा 

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