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बाल दिवस BALDIVAS | MULNIVASI POEM

प्यारा सा अपना बगीचा पानी से है इसको सींचा रंग बिरंगे फूल खिले हैं लाल पिले और गुलाबी सारे फूल है प्यारे प्यारे लेने की बढ़ती बेताबी सा...


प्यारा सा अपना बगीचा
पानी से है इसको सींचा

रंग बिरंगे फूल खिले हैं
लाल पिले और गुलाबी
सारे फूल है प्यारे प्यारे
लेने की बढ़ती बेताबी
सारे पौधे एक समान
कोई ऊंचा कोई ना नीचा

प्यारा सा अपना बगीचा
पानी से है इसको सींचा

हर पौधा है प्यारा प्यारा
खुश्बू रंग जिसका है न्यारा
पर्यावरण का जो है दुलारा
मौसम को सुंदर है करता
सबके दिल मे खुशियां भरता
फूलों वाला प्यारा बगीचा

प्यारा सा अपना बगीचा
पानी से है इसको सींचा

~ प्यारा सा बगीचा | महेंद्र सिंह कामा 



 बाल दिवस

एक विशेष दिवस
बाल दिवस बच्चों के दिवस होने के बाद एक महत्वपूर्ण दिवस होता है क्योंकि इस दिन को केवल बाल दिवस न समझे यह ऐसा दिवस है इस दिन बालक अपने आने वाले भविष्य की झलक अपने कार्यों में दिखाकर दुनियां को देश के महान विद्वान वैज्ञानिक ,राजनेता, इंजीनियर ,डॉक्टर, जज, प्रोफेसर , DM CM के रूप से अवगत करा देते हैं ।
और इस रूप को देखने के लिए देश को इंतजार करना पड़ता है । और समय आने पर ये बच्चे अपना अभिनय दुनियां के सामने दिखाकर बता देते है कि
बाल ही रहेंगे दुनियां का ख्याल ।
बाल दिवस की मंगलकामनायें
Wish You Happy Children Day

   

       



                             

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