Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Latest Poems

latest

Mere Dil Me मेरे दिल में || Mahendra Cama

Mere Dil Me To Bus.. मेरे दिल में तो बस..Mahendra Cama    मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो, जैसे खुशबू बसी है फूलों में   बिन तेरे मैं हूँ ए...


Mere Dil Me To Bus..

मेरे दिल में तो बस..Mahendra Cama 

 मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो, जैसे खुशबू बसी है फूलों में  

बिन तेरे मैं हूँ एक दम तन्हा ,जैसे बिन डोर के पतंग कोई
मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो ,जैसे खुशबू बसी है फूलों में 

तेरे बिन एक पल लगे बर्षों ,मिले न एक दिन अगर तू मुझे
लगे गुजर गयी हो सदियों सी ,तू जो संग है ,तो है फिजा रौनक
तेरा संग ही है पूनम रातें ,जैसे गुलशन है झूले झूले में
मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो ,जैसे खुशबू बसी है फूलों में 

तेरा हंसना है गुलों का खिलना ,जैसे रंग और खुशबु का मिलाना
मुझे छू लेती हैं जब तेरी नज़र, लगे संग ,संग है चंदा व किरन
तेरी झलक को ढूंढती है नजर ,जैसे ढूंढे हो भंवरा गुलशन में
मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो ,जैसे खुशबू बसी है फूलों में 

जिक्र हो तेरा गुजर जाये निशा ,नूर नजरों में तुम्हारा है बसा
सारा आलम ही खुबशूरत है ,दिखे हर और तेरी सूरत है
रहो संग तुम ये चाहे दिल मेरा ,हाथों में हाथ रहे जीवन में
मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो ,जैसे खुशबू बसी है फूलों में 


~ मेरे दिल में तो बस बसे तुम हो /महेंद्र कामा
    

No comments