प्रेयसी कविता || Preyasi Poems || Phulon Si Mahakane Vali || Mahendra Cama फूलों सी महकने वाली है लगे इत्र भरी वो प्याली है जब बोल लबों से...
प्रेयसी कविता || Preyasi Poems || Phulon Si Mahakane Vali || Mahendra Cama
फूलों सी महकने वाली है
लगे इत्र भरी वो प्याली है
जब बोल लबों से निकलें है
लगे मधुर बहुत मतवाली है
जादू है उसकी बातों में
हर पल रहती ख्यालातों में
बस एक नजर दिख जाये वो
मिले पपीहा पानी बरसातों में
बस नूर उसी का छाया है
कुछ और ना मुझको भाया है
प्रकर्ति सी रौनक उसकी
लगे प्यार उसी का साया है
सादगी की वो मूरत है
इंदु के जैसी सूरत है
गेसू हैं काले बादल से
घटा के जैसे पूरक है
जब एक नजर वो देखती है
जीवन में आशा भरती है
वो एक पल जब मिले मुझे
खुशियों की सादियां लगती हैं
~प्रेयसी / महेंद्र सिंह कामा
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