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महिला MAHILA, WOMEN | MULNIVASI POEM

  सारा जग जिसने है बनाया जो मानवता की है शान सबसे ऊपर दर्जा जिसका ऐसी नारी की है पहचान घर के आँगन से लेकर के अंतरिक्ष तक जो है जाये मा...

 


सारा जग जिसने है बनाया

जो मानवता की है शान
सबसे ऊपर दर्जा जिसका
ऐसी नारी की है पहचान

घर के आँगन से लेकर के
अंतरिक्ष तक जो है जाये
माउन्ट एवेरेस्ट पर गाड़कर झंडा
महिला का सम्मान बढ़ाये
किसी से पीछे नही है नारी
हर क्षेत्र में उसका नाम
कई रूपों की मालिक है ये
कहीं गृहणी कहीं निजाम

कुल की जो करती है रक्षा
जो देती है सबको ज्ञान
देश पे जान निछावर करने
में समझे जो अपनी शान
नारी ही है जगत की जननी
जग करता नारी को सलाम
रमा सावित्री जिजाऊ बाई
नारी शक्ति के हैं नाम

सारा जग जिसने है बनाया
जो मानव की है शान
सबसे ऊपर दर्जा जिसका
ऐसी नारी की है पहचान 

Sara jag jisane hai banaya 
Jo manavta ki hai shaan 
Sabse upar darja jiska 
Aisi naari ki pahchaan 

Ghar ke aangan se lekar ke
Antriksh tak jo hai jaye 
Mauntaverest par gadke jhanda 
Mahila ka samman badhaye 
Kisi se pichhe nahi hai naari 
Har sherta me usaka naam 
Kain Roop ki maalik hai ye 
Kahin garhini kahin nijaam 

Kul ki jo hai raksha karti 
Jo deti hai sabko gyaan 
Desh pe jaan nichhavar karne 
Men jo samjhe apani shaan 
Naari hi hai jagat ki janani 
Jag karta naari ko salaam 
Rama Shavitri jijau bai 
Naari shakti ke hain naam 

Sara jag jisane hai banaya 
Jo manavta ki hai shaan 
Sabse upar darja jiska 
Aisi naari ki pahchaan 

~ नारी | महेंद्र सिंह कामा

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