Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Latest Poems

latest

राजनीती का आलम RAJNITI KA ALAM |MULNIVASI POEM

  राजनीति का आलम यारों  बड़ा निराला है जितने ज्यादा अपराध किसी के उतनी पड़ी गले में स्वागत माला है लूटमार भ्रष्टाचार वालों का  यहां बोलब...

 


राजनीति का आलम यारों 

बड़ा निराला है

जितने ज्यादा अपराध किसी के
उतनी पड़ी गले में स्वागत माला है
लूटमार भ्रष्टाचार वालों का 
यहां बोलबाला है
राजनीति का आलम यारों 
बड़ा निराला है
कम डिग्री अपराध ज्यादा 
ऐसे यहां नेता है
दूध की हांडी की रखवाली 
बिल्ली के भरोसे है

अपने ही रखवालों से 
खाती जनता यहाँ भाला है
राजनीति का आलम यारों 
बड़ा निराला है
बड़े-बड़े घोटाले करना 
है सब की फितरत
 अनपढ़ नेता लिखता है
यहां आई ए एस की किस्मत
अबकी बार करेंगे विकास 
यही सब की आल्हा है 
राजनीति का आलम यारों 
बड़ा निराला है

अपना उल्लू सीधा करना खेल पुराना है
अपराध भ्रष्टाचार को रोको
भैंस के आगे बीन बजाना है
शिक्षित युवाओं के मुंह पर 
लगा बेरोजगारी का ताला है
राजनीति का आलम यारों 
बड़ा निराला है

Rajniti ka alam yaron bada nirala hai 
Jitane jyada apradh kisi ke 
Utani padi gale me swagat mala hai 
Lootmar bharshtachar walon ka 
Yahan bolbala hai
Rajniti ka alam yaron bada nirala hai 
Kam digri aparadh jyada 
Aise yahan neta hain 
Doodh ki handi ki rakhwali
Billi ke bharose hai 

राजनीती का आलम | एम.एस. कामा 

No comments