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विद्यार्थी VIDYARTHI , STUDENT |MULNIVASI POEM

               विद्यार्थी पहले दिन जब गए विद्यालय हुआ नया सवेरा था मेरे मस्तिष्क की दुनियां में वर्णमाला का नया बसेरा था           पह...

 


         

   विद्यार्थी

पहले दिन जब गए विद्यालय
हुआ नया सवेरा था
मेरे मस्तिष्क की दुनियां में
वर्णमाला का नया बसेरा था
          पहले दिन जब गए विद्यालय
          हुआ नया सवेरा था

पहला कदम विद्यालय में
देखा सबको प्रेर में
शिक्षा का हुआ सफ़र शुरू
मेरे क्लास रूम में
पहला अक्षर मैंने सीखा
पृष्ट को अ के रूप में घेरा था
         पहले दिन जब गए विद्यालय
         हुआ नया सवेरा था

अब तो रोज परिचय होता
हिंदी इंग्लिश किताबों से
अ आ ,वन टू थ्री, ए बी सी 
बसे थे मेरे स्वपन, ख्वाबो में
उत्तर जानने की इच्छा से
मुझ पर सवाल का घेरा था
        पहले दिन जब गए विद्यालय
        हुआ नया सवेरा था

नए दोस्त और नए ज्ञान का
यहाँ पर खूब खजाना है
खेल कूद और नयी बात है
यहाँ बच्चों का ज़माना है
सबकी खातिर फिसल पट्टी व झूले
ना तेरा ना मेरा था
           पहले दिन जब गए विद्यालय
           हुआ नया सवेरा था 

Pahale din jab gaye vidyalay 
Huaa naya savera tha 
Mere mashtishk ki duniyan me
Varnmala ka naya basera tha 
     Pahale din jab gaye vidyalay 
     Huaa naya savera tha 

Pahala kadam vidyalay me 
Dekha sabko prer me
Shiksha ka huaa safar shuru 
Mere class room me
Pahala akshar maine sikha 
Prashth ko a ke roop me ghera tha 
     Pahale din jab gaye vidyalay 
     Huaa naya savera tha 

Ab to roj parichay hota 
Hindi english kitabon se 
A ,Aa 1,2,3, A Bee Cee
Nahi bache the mere swapan aur khwabon se 
Uttar janane ki ichchha me 
Mujh par sawal ka ghera tha 
     Pahale din jab gaye vidyalay 
     Huaa naya savera tha 

~ विद्यार्थी | महेंद्र सिंह कामा

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