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मान्यवर कांशीराम MANYAWAR KANSHIRAM | MULNIVASI POEM

  बहुजनो का जीवन जिसने किया आसान शोषित पिछड़ों के मशीहा शोषित पिछड़ों के मशीहा तो हैं मान्यवर कांशीराम कांशीराम मान्यवर कांशीराम मान्यवर...


 बहुजनो का जीवन

जिसने किया आसान
शोषित पिछड़ों के मशीहा
शोषित पिछड़ों के मशीहा तो हैं मान्यवर
कांशीराम कांशीराम मान्यवर कांशीराम
मान्यवर कांशीराम 

खुद पैदल, साइकल पर चलकर
बहुजनों पर काम किया
शासन की है राह बनायीं
वंचितो को राज दिया
शिक्षा ,सत्ता है दिलवाई
दी शासक की शान
शोषित पिछड़ों के मशीहा
शोषित पिछड़ों के मशीहा तो हैं मान्यवर
कांशीराम कांशीराम मान्यवर कांशीराम
मान्यवर कांशीराम

फुले शाहू और आंबेडकर
की धारा में काम किया
पिछड़े वंचित बहजनो को
उनका हक और नाम दिया
मान सम्मान दिलाया सबको
दे डाला शासन का ज्ञान
शोषित पिछड़ों के मशीहा
शोषित पिछड़ों के मशीहा तो हैं मान्यवर
कांशीराम कांशीराम मान्यवर कांशीराम
मान्यवर कांशीराम

अपने सुख दुःख सारे भूलकर
वंचितों के लिए लडे
अपनी नींद और चैन त्यागा
वंचित को सुख देने को
DS4 और BSP बनाया
दिया बहुजनों को सम्मान
शोषितों पिछड़ों के मशीहा
शोषित पिछड़ों के मशीहा तो हैं मान्यवर
कांशीराम कांशीराम मान्यवर कांशीराम
मान्यवर कांशीराम

~ मान्यवर कांशीराम | महेंद्र सिंह कामा

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