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आडम्बर और अम्बेडकर ADAMBAR aur AMBEDKAR |MULNIVASI POEMS

  एक तरफ है आडम्बर और दूजी ओर अम्बेडकर आडम्बर दे सिर्फ गुलामी खुशहाली अम्बेडकर आडम्बर है काला साया मानवता से दूर करें बुद्धि को जो कुंद...

 


एक तरफ है आडम्बर और दूजी ओर अम्बेडकर
आडम्बर दे सिर्फ गुलामी खुशहाली अम्बेडकर

आडम्बर है काला साया मानवता से दूर करें
बुद्धि को जो कुंद करे ,प्रगति को खा जाये
झगड़ा भेदभाव अशिक्षा, हनन है इसके लक्षण
जो इनसे है दूर रहेगा जीवन होगा ख़ुशी से तर
एक तरफ है आडम्बर और दूजी ओर अम्बेडकर
आडम्बर दे सिर्फ गुलामी खुशहाली अम्बेडकर

आडम्बर के चार वर्ण है भीम ज्ञान की वर्णमाला
आडम्बर में फंसा रहे जो नश्लों पे उसकी जाला
आडम्बर छोटा सा कोना ज्ञान की सीमाये है अनंत
ज्ञान के रस्ते जो चलता है सारी दुनियाँ उसका घर
एक तरफ हैआडम्बर और दूजी ओर अम्बेडकर
आडम्बर दे सिर्फ गुलामी खुशहाली अम्बेडकर

आडम्बर शिक्षा से रोके जीवन को अग्नि में झोके
आडम्बर है सिखाये गुलामी जहाँ नही पीने को पानी
बिन पानी के नही है जीवन ये बातें हैं जग जाहिर
बात अगर ये समझ में आये बुद्धि प्रयोग है कर
एक तरफ हैआडम्बर और दूजी ओर अम्बेडकर
आडम्बर दे सिर्फ गुलामी खुशहाली अम्बेडकर

~ एक तरफ है आडम्बर |एम. एस. कामा 

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