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तू आगे बढ़ TU AAGE BADH | MULNIVASI POEM

  तू आगे बढ़ शाहू फुले भीम के वंसज बुद्धा के अनुयायी -2 SC ST और OBC आपस में है भाई दुश्मन बीच तुम्हारे खोदे जातिवाद की खाई भेद भाव और छ...

 तू आगे बढ़



शाहू फुले भीम के वंसज

बुद्धा के अनुयायी -2
SC ST और OBC आपस में है भाई
दुश्मन बीच तुम्हारे खोदे जातिवाद की खाई
भेद भाव और छोड़ गुलामी
इतिहास तू गढ़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़

जब शासन था तेरा देश में दुश्मन थर थर कांपे
तेरी सत्ता देख देख के वो था दूर से हाँपे
जाति धर्म पे तुझे किया इक दूजे से है भिन्न
आपस में है तुम्हे लड़ाकर शासन लिया है छीन
सत्ता अपनी वापस ले , ना ऊँच नीच पे लड़ -2
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़

तुझे राक्षस तुझे शुद्र और खुद को देव बताकर
तू सेवक और वो राजा तुझको ये समझकर
वरहदर्थ को मारा धोके से
सत्ता को हथियाया तुम्हे गुलाम बनाया
जो धोके की हद - 2
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़

गैर बराबरी करके तुझसे
दुश्मन मुल्क को लूट रहा
सदियों से शोषित पीड़ित को आग में वह झोंक रहा
आडम्बर के भिन्न नाम से पैसे तुझसे खोस रहा
दोस्त को अब पहचान और दुश्मन से तू लड़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
तू आगे बढ़ तू आगे बढ़
J
~ तू आगे बढ़ | महेंद्र सिंहकामा




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