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MSS से फुले,अम्बेडकरी आंदोलन की गति हुई तेज | 21th BAMCEF STATE CONVENTION UTTRAKHAND

 उत्तराखंड़ के जिला हरिद्वार के शेरपुर निकट रुड़की में 10,11सितंबर 2022 को दो दिवसीय 21वे बामसेफ राज्य अधिवेशन उत्तराखंड में मूलनिवासी सभ्यता ...



 उत्तराखंड़ के जिला हरिद्वार के शेरपुर निकट रुड़की में 10,11सितंबर 2022 को दो दिवसीय 21वे बामसेफ राज्य अधिवेशन उत्तराखंड में


मूलनिवासी सभ्यता संघ के कार्यकर्ता ने मूलनिवासी सभ्यता व कलाचार सत्र में आये हुए सभी साथियों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मूलनिवासी महेंद्र सिंह कामा ने मूलनिवासी सभ्यता संघ के कार्य को बताते हुए और मूलनिवासी सभ्यता संघ की मूलनिवासियों को भारत मे क्यों जरूरत है इस पर प्रकाश डालते हुये सभी को बताया कि मूलनिवासी सभ्यता संघ की जरूरत भारत मे इसलिए है क्योंकि भारतीय मूलनिवासियों को गीत संगीत नाटक फिल्मो के सहारे अन्ध विश्वास में धकेला जा रहा है जिस कारण मूलनिवासी अंधविस्वास में फंसकर अपने हक अधिकार व शिक्षा के लिए भी आवाज नही उठा पा रहा है उसको लगता है कि उसका सारा काम इस अंधविश्वास से ही हो जाएगा ऐसे में अंध विस्वास में फंसे व्यक्ति को यदि उसे छोड़ने के लिए कहें तो वह नही छोड़ेगा उसको छुड़ाने के लिए उसकी सभ्यता को उसे गीत




 संगीत के माध्यम से समझना पड़ेगा क्योंकि उसको गीत संगीत फुले अम्बेडकरी आंदोलन में मिलने लगेगा तो उसे मिशन में मजा आने लगेगा उसको गीत, संगीत के माध्यम से ही सभ्यता से जोड़ना पड़ेगा । इसी के साथ मूलनिवासी सभ्यता संघ कला के साथ खेल ,विज्ञान ,मानवीय मूल्य ,साहित्य आदि इन सभी क्षेत्रों में रुचि रखने वाले लोगों को देश के कोने कोने में तलाश रहा है उन्हें उनकी कला के माध्यम से भारतीय सभ्यता को मजबूत कर उन्हें सही मंच और सम्मान देकर संघ को जन जन तक ले जाया जा रहा है ।
मूलनिवासी सभ्यता संघ के साहित्य और कलाचार सत्र में एम एस एस ने महापुरुषो व वीरांगनाओ पर कविता गीत और नृत्य करते हुए सभी को भारतीय सभ्यता की ओर प्रेरित किया जिसमें बाबा साहब ,ज्योतिबा फुले सर छोटू राम संत कबीर ,शाहू जी महाराज , माता रमाबाई , माता भीमा बाई आडो पर गीत सुनकर उपस्थित लोगों के दिलो को छुआ और मूलनिवासी सभ्यता संघ के राष्ट्रीय अधिवेशसन में 26,27अक्टूबर 2022 को औरंगाबाद आने के लिए अपील की और बताया कि यह अधिवेशसन बाकी अधिवेशसन के मुकाबले बहुत ही अद्भुत होने वाला है जिसमे फ़ूड फेस्टिवल ,ड्रेस फेस्टिवल ,चित्रकारिता , बुद्धिजीवियों की कॉन्फ्रेंस महिलाओ के लिए आभूषण टैटू फेस्टिवल विभिन्न राज्यों के गीय लोक गीत नृत्य और नाटक के साथ साथ फिल्मी दुनियां के कुछ कलाकार जो फुले अम्बेडकरी फ़िल्म मूवी बनाते हैं वह मंच पर मिलने वाले हैं । और संघ को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए कहा कि वह संघ के अकाउंट में  कुछ पैसे जमा कर संघ को मदद कर सकते हैं ।
कलाचार के कार्यक्रम में 

मूलनिवासी 
महेंद्र सिंह कामा ,मू. घन श्याम ,मू. विशम्भर सिंह तूफान ,मू. वेदव्यास गौतम और स्कूल के बच्चों ने अपना कलाचार कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिससे आंदोलन को एक नया रूप मिला जिसके द्वारा भविष्य में बामसेफ अपनी मंजिल की और तेजी से जाने वाला है ।














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