Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Latest Poems

latest

कोरोना CORONA ||MULNIVASI POEMS

  कोरोना ने छीनी सुविधायें छीन लिए रोजगार सबके मुख हैं बंद किये और बंद किये बाजार कोरोना ने छीनी सुविधायें छीन लिए रोजगार घर से निकले...


 कोरोना ने छीनी सुविधायें

छीन लिए रोजगार
सबके मुख हैं बंद किये
और बंद किये बाजार

कोरोना ने छीनी सुविधायें
छीन लिए रोजगार

घर से निकले ना कोई बच्चा
युवा , व्रद्ध ,किसान
एक छींक से घायल होता
देखो वीर जवान
सब हैं घर में दुबके बैठे
जीवन से है प्यार

कोरोना ने छीनी सुविधायें
छीन लिए त्यौहार

प्यार मौहब्बत दूर हुए सब
दूर हुए संस्कार
सबकुछ होते उजड़ा जीवन
पल पल तन है धोता जन जन
जीवन का ये सार
अभिलाषा आँखों की पहली वाली बहार

कोरोना ने छीनी सुविधायें
छीन लिए व्यापार

अफरातफरी मची हुई है
नही वैक्सीन है पास
करोना से मरने वाले की नही मिली है लास
संक्रमण बढ़ाता ही जाये
बेबस है सरकार

कोरोना ने छीनी सुविधायें
छीन लिए रोजगार

प्रगति की गति है ज़ीरो
चक्का किया है जाम
अर्थ व्यवस्था के दर्द का
नही है कोई बाम
बिन मानव के देखो
सब कुछ है बेकार

कोरोना ने छीनी सुविधायें
सब को किया बेजार

~कोरोना ने छीनी सुविधायें | महेंद्र कामा

No comments