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सत्य मेव जयते SATYA MEV JAYATE | MULNIVASI POEM

  युगों युगों से बात चली है झूठ हमेशा हारा है जो निकले हैं सच के पथ पर उनसे जग उजयारा है समस्त धरा जिसका है घर जीव हित में वो लिखते ...

 


युगों युगों से बात चली है

झूठ हमेशा हारा है
जो निकले हैं सच के पथ पर
उनसे जग उजयारा है
समस्त धरा जिसका है घर
जीव हित में वो लिखते
सत्य मेव जयते
सत्य मेव जयते

सत्य ना माने जात-पात को
उसके लिए सब धर्म समान
सूरज पुंज सा वो चमके है
सत्य मार्ग है जिसका मान
नभ से धारा तक उसकी शान
प्रतिकूल फिजा में भी
सच को सच वो हैं कहते
सत्य मेव जयते
सत्य मेव जयते

नभ से धरा तक इंदु किरण
सूरज सत्य का प्रकाश है
फूलों में है खुशबू वो ही
वह पवन गति आगाज है
कल-कल प्रवाहिनी राग है
पंछियों की चंह चंह उपवन में
संग हर उमंग में वह रहते
सत्य मेव जयते
सत्य मेव जयते

yugon yugon se bat chali hai 
Jhuth hamesha hara hai 
Jo nikale hai sach ke path pe 
Unse Jag Ujiyara hai 
Samst dhara hai jisaka ghar 
Jiv hit me vo likhte 
Satya mev jayte  - 2

Satya nahi mane jaat paat ko 
Usake liye sab dhrm saman 
Surj punj sa vo chamke hai 
Satya marg hai jisaka maan 
Nabh se dhara tak usaki Shaan
Prtikul fija me bhi vah sach ko sach hai kahte 
Satya mev jayte - 2 

Nabh se dhara tak indu kiran 
Suraj satya ka prakash hai 
Phulon me hai khushboo vahi 
Vah pawan Gati aagaj hai 
Kal kal prvahini rag hai 
Panvhhiyon ki chanh chanh upavan me
Sang Har Umang me vah rahate 
Satya mev Jayte - 2


~ सत्य मेव जयते / महेंद्र सिंह कामा 

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