Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Latest Poems

latest

चेहरा CHEHARA | MULNIVASI POEM

  हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई है । अभी तो दिदारें हैं मुहब्बत , अभी तो मिलना कहीं कहीं है । हमें लुभाता है उसका चेहरा...


 हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई है ।

अभी तो दिदारें हैं मुहब्बत , अभी तो मिलना कहीं कहीं है ।
हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई ।

अभी तो देखेंगे तुमको छककर,यही तो हसरत रही हमारी ।
अभी तमन्ना बढेगी ज्यादा, ये मेरी प्रेयसी नई नई है।
हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई है ।

अभी मुहब्बत का पहला दिन है अभी बनेगा ये एक फ़साना
कि बाँहों में भर लेगी वो हमको , अभी प्रेयसी नई नई है ।
हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई है ।

जो खूबशूरत है कायनाती , नही दिखावा वो अपना करते ।
तुम्हारा मैकअप बता रहा है तुम्हारी ब्यूटी नई नई है ।
हमें लुभाता है उसका चेहरा , कि उसकी रौनक नई नई है ।


Hame Lubhata hai usaka chehra 
Ki usaki Raunak nai nai hai 
Abhi to didaren hai Muhabbat 
Abhi to Milana kahin kahin hai
 Hame Lubhata hai usaka chehra 
Ki usaki Raunak nai nai hai 


Abhi to dekhenge tum ko chhakakar 
Yahi to Hasarat Rahi hamari 
Abhi Tammana Badhegi jyada 
Ye meri preyasi Nai nai hai 
Hame Lubhata hai usaka chehra 
Ki usaki Raunak nai nai hai 


Abhi Muhabbat ka Pahala din hai
Abhi Banega ye ek Fasana 
Ki Bahon me Bhar legi vo Hamko 
Abhi Preyasi Nai Nai hai 
Hame Lubhata hai usaka chehra 
Ki usaki Raunak nai nai hai 


Jo Khubshurat hain Kayanati 
Nahi Dikhava Vo Apana karte 
Tumhara Makup Bata Raha Hai 
Tumhari beauty Nai Nai hai 
Hame Lubhata hai usaka chehra 
Ki usaki Raunak nai nai hai 

~ Chehara | M.S.Cama 


No comments